राम कथा के वाचक परम आदरणीय श्रद्धेय श्री सुधारीनंद महाराज जी के द्वारा योग साधना का मार्गदर्शन एवं योगाभ्यास का कार्यक्रम योग शिविर में आए हुए महान योग साधकों को प्रदान हुआ* जिसके अंतर्गत महाराज जी ने योग साधना के संबंध में अपना प्रकाश डालते हुए योग साधकों को यह बताया कि हम सभी को योग प्रतिदिन करना चाहिए जिस प्रकार हम सभी लोग प्रतिदिन खाना खाते हैं उसी प्रकार योग को भी अपने जीवन में प्रतिदिन करते हुए अपने शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं यदि शरीर स्वस्थ रहेगा तो मनुष्य को किसी भी कार्य को करने में कोई भी परेशानी नहीं होगी और आज के दिन हम सभी लोग यह संकल्प ले की यदि हम जिस दिन योग नहीं करेंगे तो उस दिन हम लोग भोजन भी ग्राहण ना करें , *जिस प्रकार हमारे जीवन के लिए भोजन आवश्यक है, उसी प्रकार अपने जीवन में हम सभी लोगों को योग भी जीवन में अवश्य ही प्रतिदिन* *करना चाहिए क्योंकि यदि हमारा शरीर ठीक रहेगा तभी हम कोई भी काम बगैर किसी परेशानी के सुगमता से कर सकते हैं
लखनऊ जन विकास महासभा के योग प्रकोष्ठ के योग गुरु आदरणीय श्री विमल सिन्हा एवं सह योग गुरु श्री विजय कांत* *श्रीवास्तव* एवं श्रीमती भारती, श्रीमती दिशा तिवारी, श्रीमती ममता , श्रीमती रेखा, श्री राजीव कुमार गुप्ता. श्री कपिल गुप्ता, डॉ यादव, श्री सक्सेना, श्री गौतम, श्री रामस्वरूप, श्री राकेश सोनकर इत्यादि बहुत सारे योगा साधक उपरोक्त अवसर पर डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय जानकीपुरम विस्तार में प्रातकाल उपस्थित रहे
*उपरोक्त अवसर पर कार्यक्रम की* *समाप्ति पर सहयोग गुरु श्री विजय कांत श्रीवास्तव जी के द्वारा* *प्रार्थना एवं हास्य आसन के द्वारा योग का समापन किया गया ।