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जीवन दायनियी माँ गंगा की आरती तो सनातनी है लेकिन काशी में गंगा सेवा निधि के संस्थापक अध्यक्ष स्मृतिशेष पं. सत्येन्द्र मिश्र ने इस परम्परा को नित्य का उत्सव बनाया मन के कैनवास पर सोच की कुंची से सजा कर भव्यता के चरम तक पहुँचाया व गंगा आरती की वैभव गाथा को अतुल्य भारत में स्थान दिलाई अंतराष्ट्रीय स्तर पर आरती को अलग पहचान दी।

वाराणसी गंगा घाट पर याद आये प.सतेंद्र मिश्र

जीवन दायनियी माँ गंगा की आरती तो सनातनी है लेकिन काशी में गंगा सेवा निधि के संस्थापक अध्यक्ष स्मृतिशेष पं. सत्येन्द्र मिश्र ने इस परम्परा को नित्य का उत्सव बनाया मन के कैनवास पर सोच की कुंची से सजा कर भव्यता के चरम तक पहुँचाया व गंगा आरती की वैभव गाथा को अतुल्य भारत में स्थान दिलाई अंतराष्ट्रीय स्तर पर आरती को अलग पहचान दी।

गंगा सेवा निधि के संस्थापक अध्यक्ष स्मृतिशेष पं.सत्येन्द्र मिश्र को समर्पित रही माँ गंगा की आरती नौवीं पुण्यतिथि पर माँ गंगा की आरती से पूर्व संस्थापक अध्यक्ष स्मृतिशेष पं.सत्येन्द्र मिश्र जी

को गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्र,कोषाध्यक्ष आशीष तिवारी सचिव हनुमान यादव व माँ गंगा की आरती के सभी सेवक ने दो मिनट का मौन रख नमन किया।।

देव दीपावली के पारम्परिक आयोजन में देश के शौर्य को भी काशी के इस उत्सव को देश के अमर वीर बलिदानियों की स्मृति से जोड़ा। उनका जाना एकयुग का चले जाना जैसा था,आज उनके युवा पुत्र ने गंगा सेवा के संस्कार को निधि मानते हुए पुत्र धर्म की तरह निभाया। आज इस अवसर पर गंगा सेवा निधि परिवार ने श्रद्धासुमन अर्पित किया एवं आज की माँ गंगा की आरती को संस्था के संस्थापक अध्यक्ष स्मृतिशेष पं. सत्येंद्र मिश्र जी को समर्पित रही।

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